रानीवाड़ा।
जीवनदायिनी पतित पावन गोमाता की रक्षा जरूरी है। गो हत्या मानव सभ्यता के लिए बहुत बड़ा खतरा है। गोमाता को नहीं बचाया तो सृष्टि की सभी देविक शक्तियां कुपित हो जाएगी। पृथ्वी पर बाढ़, भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक प्रकोप झेलने पड़ेंगे। सृष्टि की मुक्त आत्माएं भी गोमाता में आश्रय करती है। इसलिए गोमाता का संवर्धन व सरंक्षण आवश्यक हो गया है। यह बात बाबा रामदेव ने निकटवर्ती केसुआं के ऋषिकुल आश्रम के अवलोकन के दौरान गोभक्तों को कहीं। उन्होंने कहा कि संसार का सारा अनाज प्रदूषित होने से कहीं रोग पैदा हो गए है। अत: किसानों को अपनी कृषि भूमि में रासायनिक खाद की जगह कार्बनिक खाद का उपयोग करना चाहिए। गोमाता को खिलाने वाला हरा चारा भी इस रासायनिक खाद से जहरीला हो गया है। बाबा ने कहा कि सरकार ने जंगल के राजा शेर की हत्या करने वाले के विरूद्ध कड़े कानून बना रखे है। परंतु गोमाता को बचाने के लिए ऐसा कोई कानून नहीं बनाया है। समग्र भारत में पातांजलि योगपीठ के द्वारा संचालित भारत स्वाभिमान कार्यक्रम के दौरान गोमाता को बचाने के लिए राष्ट्र के नागरिकों को जगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गायों में दिव्य आत्माएं निवास करती है। जिस भूमि में हजारों गाय पलती हो, वह भूमि महातीर्थ कहलाती है। अत: गोधाम पथमेड़ा को महातीर्थ का दर्जा दिया जाएं, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
गो दूध है शाकाहारी :- बाबा ने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा गो दूध को मांसाहारी कहना दुर्भाग्य की बात है। गाय का दूध शत प्रतिशत शाकाहारी है। गाय के दूध में कहीं दिव्य शक्तियां विद्यमान होती है, जोकि लाईलाज बीमारियों को भी पूर्णतया ठीक कर देती है। गाय के दूध को मांसाहारी बताना पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित व घटिया मानसिकता का प्रतीक है।
आश्रम से हुए प्रभावित :- गोधाम पथमेड़ा के द्वारा संचालित ऋषिकुल आश्रम की व्यवस्थाए देखकर बाबा अभिभूत हो गए। उन्होंने सुंधा पहाड़ के पिछवाड़े स्थित विशाल धोरों में विद्यमान इस आश्रम का जीप ट्रॉले में बैठकर अवलोकन किया। आश्रम की भावी योजनाओं के बारे में जानकारी लेकर बाबा अचंभित हो गए। उन्होंने धोरों में पैदल घूमने का भी आनंद लिया। धोरों व पहाड़ों को देखकर उन्होंने कहा कि यह प्रदेश भी बिना बर्फ के हिमालय जैसा प्रतीत होता है।
धोरों पर दिया साक्षात्कार :- केसुआ के विशाल धोरों पर बाबा ने गायों को बैकग्राऊंड में रखकर इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को आधा घंटे तक इंटरव्यू दिया। उन्होंने पत्रकारों के जवाबों का हंसते हुए व अपनी अलग अदा में जवाब दिया। प्रत्येक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने गोधाम पथमेड़ा को महातीर्थ व गोधाम के संस्थापक दत्तशरणानंद महाराज को कलयुग का महानसंत का दर्जा दिया।
योग के साथ गोसेवा जरूरी : - उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिए योग जरूरी है। परंतु अब योग के साथ गोसेवा आवश्यक हो गई है। गोसेवा से ही सृष्टि को बचाया जा सकता है। गोसेवा नहीं करने वाले सभी प्रकार के मनुष्य कसाई की तरह है। अत: रोजाना गोग्रास के रूप में एक रूपया प्रत्येक मनुष्य को दान करना चाहिए। पातांजलि योगपीठ के सभी सदस्य अब योग के साथ गोसेवा आवश्यक रूप से करेंंगे। साथ ही जो गोभक्त गोसेवा लगे हुए है, उन्हें योग से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा।
संतो व पत्रकारों ने लिया आशीर्वाद:- दैनिक भास्कर के पत्रकार राव गुमानसिंह, पत्रिका के रणजीतसिंह व प्रवीण दवे, फतहपुर सिकरी के महंत दिनेशपुरी, ज्ञानानंदजी, सुमनसुलभ, गोविंद ब्रहम्चारी सहित कई जनों ने गोसेवा व गोहत्या विषय पर बाबा से लंबी चर्चा कर उनसे आशीर्वाद लिया।
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