बुधवार, 22 अप्रैल 2009

साधना के गोते


सांचौर। गोधाम पथमेडा में चल रहे कामधेनु क्रांति योग विज्ञान शिविर के दूसरे दिन बुधवार को गोभक्तों का उत्साह एवं योग के प्रति ललक देखते ही बनी तो योगाभ्यास के लिए आए साधकों की संख्या भी दुगुनी हो गई। स्वामी रामदेव महाराज की ओर से नौलि क्रिया समेत अन्य कई कठिन आसनों के प्रदर्शन के दौरान तो साधकों ने तालियां बजाकर अभिवादन भी किया। योगाभ्यास के दौरान और उसके बाद हुए कीर्तन में भी श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया।
कुल मिलाकर इन नजारों में गोधाम में योगधारा में साधना की सरिता प्रवाहित होती नजर आई। सवेरे ठीक पांच बजे गोधाम पथमेडा के स्वामी ज्ञानानंद महाराज, दिनेशगिरी महाराज और चेतन सुमन महाराज ने दीप प्रज्वलन कर दूसरे सत्र का आगाÊा किया। स्वामी रामदेव महाराज ने पांच बजते ही योग का अभ्यास शुरू करवाया। करीब ढाई घंटे तक चले अभ्यास में स्वामी ने विभिन्न आसनों, भ्रामरी, भ्रçस्त्रका, उद्गीत, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और उज्झाई समेत प्राणायामों से निरोगी स्वास्थ्य के गुर के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का भी पाठ पढाया।
उन्होंने कोख में बेटियों की हत्या नहीं करने, मांस भक्षण नहीं करने, खेतों में यूरिया-डीएपी नहीं डालने की बात कही। इस दौरान बद्रिकाश्रम के महंत धरणीधर महाराज, पथमेडा के राष्ट्रीय महामंत्री पूनम राजपुरोहित, गोविन्द वल्लभाचार्य महाराज, समाजसेवी श्रवणसिंह राव, सुखराज पुरोहित व रामसिंह चारणीम समेत कई गोभक्त मौजूद थे। गायों के लिए गोग्रास और हरे चारे की व्यवस्था करने वाले गोभक्तों को स्वामी रामदेव ने सम्मानित किया।
यह है सफलता का सूत्र
उन्होंने सफलता का सूत्र बताते हुए कहा कि सफलता के लिए चिंतित क्यों होते हो समर्पण भाव से कार्य करो और ईश्वर को सौंप दो। उन्होंने अपनी सफलता का सूत्र बताते हुए कहा कि मैंने कभी किसी देवता की पूजा नहीं की, कभी कोई अनुष्ठान नहीं किया। केवल मां की सेवा की, गुरू की आज्ञा मानी और गोमाता की सेवा की। इसी से सारी सफलता मिली। 
क्षेत्र के लिए बडी योजना की तैयारी
स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि फर्टीलाइजर की वजह से जमीन बंजर हो रही है। इस क्षेत्र की जमीन में अभी तक सिंचाई नहीं होती। नहर आएगी तो लोग डीएपी प्रयोग करेंगे और खेत खराब होंगे। इसके लिए वे स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के साथ एक योजना बना रहे हैं, जिसके तहत इस क्षेत्र के किेसानों को यूरिया नहीं डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जो किसान देसी खाद से खेती करेगा। उसका अनाज स्वामी अघिक मूल्य में खरीदेंगे। इस पर सभी लोगों ने करतल ध्वनि से स्वामी रामदेव का अभिनंदन किया।
जीवन दर्शन की सीख
शिविर के दौरान योग-प्राणायाम के अभ्यास के साथ-साथ जीवन दर्शन को प्रेरणा देने वाले के गीतों के माध्यम से एक दिव्य वातावरण भी तैयार हुआ। स्वामी ने "हे प्रभु-हे दयालु, तेरा ओम् नाम", फिर मत कहना कुछ कर न सके समेत कई धर्म गीतों पर श्रद्धालु झूमे।
उमड रही भीड
पतंजलि योगपीठ के पतंजलि चिकित्सालय और गोधाम पथमेडा के पंचगव्य की ओर से दी जा रही दवाओं को खरीदने के लिए बडी संख्या में लोग उमड रहे हैं। चिकित्सकों द्वारा की जा रही नि:शुल्क जांच भी लोगों को अपनी ओर खींच रही है। 
गुल्लक के पैसे गायों को दान 
सूरत की एक बालिका अनुकृति ने अपनी गुल्लक में जमा किए एक लाख दो सौ रूपयों को स्वामी रामदेव के माध्यम से गोधाम पथमेडा में गोमाता को सुपुर्द किया। उन्होंने अपनी गुल्लक स्वामी ज्ञानानंद महाराज को सौंपी। स्वामी रामदेव ने बालिका को अच्छी बिटिया बताते हुए उसका सम्मान किया। इस दौरान पांडाल भी तालियों से गूंज उठा। इस बालिका ने यह रूपए चॉकलेट व पॉकेटमनी के पैसे बचाकर जमा किए थे। 

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