शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

"हाथी" भी "स्लिम" हो जाएगा


सांचौर। योग साधकों को परमात्मा से जोडता है और रोगियों को ठीक करता है। मोटापे में तो कपालभाति इतना असरदार है कि हाथी भी योग करे तो "ट्रिम-स्लिम" हो जाएगा। ऎसे चुटीले अंदाज के साथ गुरूवार को गोधाम पथमेडा में चल रहे कामधेनु क्रांति योग विज्ञान शिविर के तीसरे दिन योगर्षि स्वामी रामदेव महाराज ने योग के गुर सिखाए।
शिविर के तीसरे सत्र का उद्घाटन फतेहपुर शेखावाटी के महंत दिनेशगिरी महाराज समेत अन्य संतों ने दीप प्रज्वलन कर किया। शिविर में प्रार्थना के बाद योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने प्राणायाम का अभ्यास शुरू करवाया। प्राणायाम के लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि पन्द्रह-पन्द्रह मिनट करने पर रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, थॉयरायड, ज्वाइन्ट पेन, गैस, कब्ज व अम्लपित समेत अन्य असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है।
स्वामी रामदेव द्वारा नौलि क्रिया करने पर पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा। छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक औषघियों और पंचगव्य का दैनिक जीवन में उपयोग करने का आह्वान किया। शिविर के तीसरे दिन संख्या में खासा इजाफा हुआ। अंत में "मदमस्त फकीरी धारी है..." व "मैं नहीं मेरा नहीं..." जैसे भजनों के माध्यम से आध्यात्मिकता का माहौल तैयार हो गया।

तनाव में गाय का घी रामबाण

शिविर के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि वर्तमान की भाग-दौड जिन्दगी में हर व्यक्ति तानवग्रस्त है। इस तानवभरी जिन्दगी में गाय का घी रामबाण इलाज हैं। उन्होंने कहा कि घरों में गाय के घी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गव्य से बनने वाली प्रत्येक औषघि रामबाण है।

वासना दावानल की तरह

योग का महžव बताते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि गृहस्थ वासना के लिए नहीं उपासना के लिए होता है। उन्होंने महाभारतकालीन महाराज ययाति का उदाहरण देते हुए कहा कि भोग से पेट नहीं भरता। जीवन में दो तरह की अग्नि है योग की अग्नि और भोग की अग्नि। योग की अग्नि साधना को पुष्ट करती है और भोग की अग्नि से सारा जगत जल रहा है। जंगल की आग की तरह यह वासना जितना भोगो उतनी बढती है। उन्होंने आत्मा को परमात्मा का स्वरूप बताते हुए योग के माध्यम से परमात्ममिलन की बात कही।

सारा आंवला खरीदेंगे

स्वामी रामदेव ने किसानों से क्षेत्र में भरपूर मात्रा में ग्वारपाठे और आंवले की खेती का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चार सौ टन ग्वारपाठा और जितना भी हो पूरा आंवला वे जिले से खरीदने के लिए तैयार हैं।

चित्र नहीं चरित्र पूजें

स्वामी रामदेव महाराज ने गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज को अद्भुत व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि स्वामीजी ने चित्र लेने का मना किया है यह दिव्य एवं अनुकरणीय बात है। उन्होंने कहा कि चित्र नहीं चरित्र पूजें, व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व पूजें।

योगभास्कर है स्वामी रामदेव

योगाभ्यास के बाद प्रवचन करते हुए गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज ने स्वामी रामदेव को योग भास्कर बताया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी को सात्विक आहार चाहिए। इसमें तामसिक आहार का Êाहर भरकर इसके उत्पादन को तामसिक न बनाएं। उन्होंने रज-तम-सत्व गुण की व्याख्या करते हुए गाय को सृष्टि का एकमात्र सतोगुणीय प्रधान जीव बताया। उन्होंने कहा कि कुकुन्द बिना गाय नहीं होती। उन्होंने बताया कि सूर्य को भी हवन व दीपक से तप मिलता है।

सिलाई कर दिए 75 हजार रूपए

प्राणायाम सत्र के दौरान श्रीमती सूरज ने दो वर्ष तक सिलाई करके इकट्ठे किए हुए 75 हजार रूपए से तीन बीघा जमीन गोधाम को दान दी। सांथू के भूरसिंह राजपुरोहित ने 25 बीघा जमीन देने की घोषणा की। इस पर पंडाल तालियों से गूंज उठा। स्वामी रामदेव ने दोनों का अभिनंदन किया। 

गोमाता की रक्षा जरूरी- बाबा रामदेव





रानीवाड़ा।
जीवनदायिनी पतित पावन गोमाता की रक्षा जरूरी है। गो हत्या मानव सभ्यता के लिए बहुत बड़ा खतरा है। गोमाता को नहीं बचाया तो सृष्टि की सभी देविक शक्तियां कुपित हो जाएगी। पृथ्वी पर बाढ़, भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक प्रकोप झेलने पड़ेंगे। सृष्टि की मुक्त आत्माएं भी गोमाता में आश्रय करती है। इसलिए गोमाता का संवर्धन व सरंक्षण आवश्यक हो गया है। यह बात बाबा रामदेव ने निकटवर्ती केसुआं के ऋषिकुल आश्रम के अवलोकन के दौरान गोभक्तों को कहीं। उन्होंने कहा कि संसार का सारा अनाज प्रदूषित होने से कहीं रोग पैदा हो गए है। अत: किसानों को अपनी कृषि भूमि में रासायनिक खाद की जगह कार्बनिक खाद का उपयोग करना चाहिए। गोमाता को खिलाने वाला हरा चारा भी इस रासायनिक खाद से जहरीला हो गया है। बाबा ने कहा कि सरकार ने जंगल के राजा शेर की हत्या करने वाले के विरूद्ध कड़े कानून बना रखे है। परंतु गोमाता को बचाने के लिए ऐसा कोई कानून नहीं बनाया है। समग्र भारत में पातांजलि योगपीठ के द्वारा संचालित भारत स्वाभिमान कार्यक्रम के दौरान गोमाता को बचाने के लिए राष्ट्र के नागरिकों को जगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गायों में दिव्य आत्माएं निवास करती है। जिस भूमि में हजारों गाय पलती हो, वह भूमि महातीर्थ कहलाती है। अत: गोधाम पथमेड़ा को महातीर्थ का दर्जा दिया जाएं, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। 
गो दूध है शाकाहारी :- बाबा ने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा गो दूध को मांसाहारी कहना दुर्भाग्य की बात है। गाय का दूध शत प्रतिशत शाकाहारी है। गाय के  दूध में कहीं दिव्य शक्तियां विद्यमान होती है, जोकि लाईलाज बीमारियों को भी पूर्णतया ठीक कर देती है। गाय के दूध को मांसाहारी बताना पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित व घटिया मानसिकता का प्रतीक है। 
आश्रम से हुए प्रभावित :- गोधाम पथमेड़ा के द्वारा संचालित ऋषिकुल आश्रम की व्यवस्थाए देखकर बाबा अभिभूत हो गए। उन्होंने सुंधा पहाड़ के पिछवाड़े स्थित विशाल धोरों में विद्यमान इस आश्रम का जीप ट्रॉले में बैठकर अवलोकन किया। आश्रम की भावी योजनाओं के बारे में जानकारी लेकर बाबा अचंभित हो गए। उन्होंने धोरों में पैदल घूमने का भी आनंद लिया। धोरों व पहाड़ों को देखकर उन्होंने कहा कि यह प्रदेश भी बिना बर्फ के हिमालय जैसा प्रतीत होता है। 
धोरों पर दिया साक्षात्कार :- केसुआ के विशाल धोरों पर बाबा ने गायों को बैकग्राऊंड में रखकर इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को आधा घंटे तक इंटरव्यू दिया। उन्होंने पत्रकारों के जवाबों का हंसते हुए व अपनी अलग अदा में जवाब दिया। प्रत्येक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने गोधाम पथमेड़ा को महातीर्थ व गोधाम के संस्थापक दत्तशरणानंद महाराज को कलयुग का महानसंत का दर्जा दिया। 
योग के साथ गोसेवा जरूरी : - उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिए योग जरूरी है। परंतु अब योग के साथ गोसेवा आवश्यक हो गई है। गोसेवा से ही सृष्टि को बचाया जा सकता है। गोसेवा नहीं करने वाले सभी प्रकार के मनुष्य कसाई की तरह है। अत: रोजाना गोग्रास के रूप में एक रूपया प्रत्येक मनुष्य को दान करना चाहिए। पातांजलि योगपीठ के सभी सदस्य अब योग के साथ गोसेवा आवश्यक रूप से करेंंगे। साथ ही जो गोभक्त गोसेवा लगे हुए है, उन्हें योग से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। 
संतो व पत्रकारों ने लिया आशीर्वाद:- दैनिक भास्कर के पत्रकार राव गुमानसिंह, पत्रिका के रणजीतसिंह व प्रवीण दवे, फतहपुर सिकरी के महंत दिनेशपुरी, ज्ञानानंदजी, सुमनसुलभ, गोविंद ब्रहम्चारी सहित कई जनों ने गोसेवा व गोहत्या विषय पर बाबा से लंबी चर्चा कर उनसे आशीर्वाद लिया।

बुधवार, 22 अप्रैल 2009

साधना के गोते


सांचौर। गोधाम पथमेडा में चल रहे कामधेनु क्रांति योग विज्ञान शिविर के दूसरे दिन बुधवार को गोभक्तों का उत्साह एवं योग के प्रति ललक देखते ही बनी तो योगाभ्यास के लिए आए साधकों की संख्या भी दुगुनी हो गई। स्वामी रामदेव महाराज की ओर से नौलि क्रिया समेत अन्य कई कठिन आसनों के प्रदर्शन के दौरान तो साधकों ने तालियां बजाकर अभिवादन भी किया। योगाभ्यास के दौरान और उसके बाद हुए कीर्तन में भी श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया।
कुल मिलाकर इन नजारों में गोधाम में योगधारा में साधना की सरिता प्रवाहित होती नजर आई। सवेरे ठीक पांच बजे गोधाम पथमेडा के स्वामी ज्ञानानंद महाराज, दिनेशगिरी महाराज और चेतन सुमन महाराज ने दीप प्रज्वलन कर दूसरे सत्र का आगाÊा किया। स्वामी रामदेव महाराज ने पांच बजते ही योग का अभ्यास शुरू करवाया। करीब ढाई घंटे तक चले अभ्यास में स्वामी ने विभिन्न आसनों, भ्रामरी, भ्रçस्त्रका, उद्गीत, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और उज्झाई समेत प्राणायामों से निरोगी स्वास्थ्य के गुर के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का भी पाठ पढाया।
उन्होंने कोख में बेटियों की हत्या नहीं करने, मांस भक्षण नहीं करने, खेतों में यूरिया-डीएपी नहीं डालने की बात कही। इस दौरान बद्रिकाश्रम के महंत धरणीधर महाराज, पथमेडा के राष्ट्रीय महामंत्री पूनम राजपुरोहित, गोविन्द वल्लभाचार्य महाराज, समाजसेवी श्रवणसिंह राव, सुखराज पुरोहित व रामसिंह चारणीम समेत कई गोभक्त मौजूद थे। गायों के लिए गोग्रास और हरे चारे की व्यवस्था करने वाले गोभक्तों को स्वामी रामदेव ने सम्मानित किया।
यह है सफलता का सूत्र
उन्होंने सफलता का सूत्र बताते हुए कहा कि सफलता के लिए चिंतित क्यों होते हो समर्पण भाव से कार्य करो और ईश्वर को सौंप दो। उन्होंने अपनी सफलता का सूत्र बताते हुए कहा कि मैंने कभी किसी देवता की पूजा नहीं की, कभी कोई अनुष्ठान नहीं किया। केवल मां की सेवा की, गुरू की आज्ञा मानी और गोमाता की सेवा की। इसी से सारी सफलता मिली। 
क्षेत्र के लिए बडी योजना की तैयारी
स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि फर्टीलाइजर की वजह से जमीन बंजर हो रही है। इस क्षेत्र की जमीन में अभी तक सिंचाई नहीं होती। नहर आएगी तो लोग डीएपी प्रयोग करेंगे और खेत खराब होंगे। इसके लिए वे स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के साथ एक योजना बना रहे हैं, जिसके तहत इस क्षेत्र के किेसानों को यूरिया नहीं डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जो किसान देसी खाद से खेती करेगा। उसका अनाज स्वामी अघिक मूल्य में खरीदेंगे। इस पर सभी लोगों ने करतल ध्वनि से स्वामी रामदेव का अभिनंदन किया।
जीवन दर्शन की सीख
शिविर के दौरान योग-प्राणायाम के अभ्यास के साथ-साथ जीवन दर्शन को प्रेरणा देने वाले के गीतों के माध्यम से एक दिव्य वातावरण भी तैयार हुआ। स्वामी ने "हे प्रभु-हे दयालु, तेरा ओम् नाम", फिर मत कहना कुछ कर न सके समेत कई धर्म गीतों पर श्रद्धालु झूमे।
उमड रही भीड
पतंजलि योगपीठ के पतंजलि चिकित्सालय और गोधाम पथमेडा के पंचगव्य की ओर से दी जा रही दवाओं को खरीदने के लिए बडी संख्या में लोग उमड रहे हैं। चिकित्सकों द्वारा की जा रही नि:शुल्क जांच भी लोगों को अपनी ओर खींच रही है। 
गुल्लक के पैसे गायों को दान 
सूरत की एक बालिका अनुकृति ने अपनी गुल्लक में जमा किए एक लाख दो सौ रूपयों को स्वामी रामदेव के माध्यम से गोधाम पथमेडा में गोमाता को सुपुर्द किया। उन्होंने अपनी गुल्लक स्वामी ज्ञानानंद महाराज को सौंपी। स्वामी रामदेव ने बालिका को अच्छी बिटिया बताते हुए उसका सम्मान किया। इस दौरान पांडाल भी तालियों से गूंज उठा। इस बालिका ने यह रूपए चॉकलेट व पॉकेटमनी के पैसे बचाकर जमा किए थे। 

मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

गोधाम पर योग प्रवाह


सांचौर। गो संवर्द्धन के लिए ख्यात गोधाम पथमेडा मंगलवार को योग की मंगलधारा में आकंठ उतरा नजर आया। तीन दिव्य संतों के सानिध्य में प्रारंभ हुए कामधेनु कल्याण योग विज्ञान शिविर के पहले दिन उमडे सैकडों श्रद्धालुओं योग शिक्षा की शुरूआत की।योग ऋषि स्वामी रामदेव द्वारा गो हित में किए जा रहे इस शिविर की शुरूआत मुख्य अतिथि ब्रह्म सावित्री पीठ आसोतरा के गादिपति तुलसाराम महाराज ने दीप प्रज्ावलन कर की। इस दौरान म्युजिशियन द्वारा बजाई जा रही बांसुरी की मृदुल धुन कानों में मिठास घोल रही थी।
योग पांडाल में लोग प्रात: योग शुरू होने से पहले ही पहुंच गए व योग शिक्षकों के निर्देशानुसार कतार में बैठ गए। जैसे ही योगऋषि रामदेव महाराज पांडाल में पहुंचे पूरा वातावरण गो माता के जयकारों से गूंज उठा। योग में वृद्धा व महिलाओं सहित बच्चों ने बढ-चढ कर भाग लिया। योग पांडाल में विशाल मंच पर योगऋçष्ा के अनुसार लोगों ने ढाई घंटे तक व्यायाम, सूर्य नमस्कार, योग व प्राणायाम सीखा। 
उद्घाटन के दौरान गोधाम पथमेडा के स्वामी ज्ञानानंद महाराज, फतेहपुर के दिनेशगिरी महाराज, राष्ट्रीय महामंत्री पूनम राजपुरोहित व आहोर के पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित समेत कई लोग मौजूद थे। इस दौरान बाबा रामदेव ने गायों के लिए चारे की व्यवस्था व अन्य सहयोग करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया।
वोट की चोट करें
सत्र समाप्त होने से पूर्व स्वामी रामदेव ने मौजूद लोगों से नीयत में खोट वाले नेताओं को वोट नहीं देने का आह्वान करते हुए राष्ट्र के प्रति चेतना का भाव लाने की बात कही। उन्होंने राष्ट्रीय स्वाभिमान यात्रा के बारे में भी बताया। 
मुझे मेरा बचपन याद आ गया
बाबा रामदेव ने अपने संबोधन की शुरूआत में पथमेडा को दिव्य तीर्थ बताते हुए कहा कि यहां आने के बाद मैंने भोर से पूर्व आकाश को देखा तो अलौकिक स्वच्छता अनुभूत हुई जो शहरों में नहीं होती। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे मेरा बचपन याद आ गया।
संत त्रिवेणी का दिव्य संगम
मंगलवार को पथमेडा में योग विज्ञान शिविर के उद्घाटन के दौरान संत त्रिवेणी का दिव्य संगम नजर आया। गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य में मुख्य अतिथि ब्रrा सावित्री पीठ आसोतरा के गादिपति तुलसाराम महाराज और कलिकाल में योग के युग को जीवंत करने वाले योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज का मिलन अद्भुत अनुभूति वाला रहा। इस दौरान संतों द्वारा एक-दूसरे का वंदन अभिवादन प्रेरणादायी भी रहा।
कवि सम्मेलन कल
गोधाम पथमेडा में चल रहे कामधेनु क्रांति योग विज्ञान शिविर के दौरान गुरूवार को विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के प्रसिद्ध कवि भाग लेंगे। गोधाम पथमेडा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रवक्ता पूनम राजपुरोहित ने बताया कि कवि सम्मेलन में लाफ्टर चैम्पियन सुरेश अलबेला, राष्ट्रीय मंच संचालक बुद्धप्रकाश दधीच, वीर रस के लोकेन्द्र शर्मा, राजेन्द्र व्यास, धर्मेन्द्र स्वामी व लोकेश मृदुल सहित कई राष्ट्रीय कवि भाग लेंगे। 
बाबा रामदेव ने दिए स्वास्थ्य के टिप्स
स्वामी रामदेव ने इस दौरान लोगों को स्वास्थ्य के टिप्स भी दिए। उन्होंने आसन-प्राणायाम के साथ-साथ आयुर्वेद, गो पंचगव्य एवं प्राकृतिक चिकित्सा से शरीर को निरोग रखने गुर बताए।
औषघियां खरीदने उमडे लोग
स्वामी द्वारा योग के दौरान आयुर्वेद औषघियों से शरीर को होने वाले लाभ के बार में विस्तार से बताया किया। ज्यों ही योग पूरा हुआ लोगों की भीड पतंजलि योग पीठ व गोधाम के पंचगव्य औद्यालय में उमडी पडी। लोगों ने औषद्यालय में हरिद्वार से आए पतंजलि योगपीठ के चिकित्सकों को दिखाकर इलाज लिखवाया।
सहज स्वास्थ्य के लिए गाय श्रेष्ठ
सहज स्वास्थ्य के लिए गाय श्रेष्ठ है। यह बात गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज ने मंगलवार शाम गोभक्तों को संबोघित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गाय, गीता, गुरू और गंगा व्यक्ति के जीवन के लिए श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि इसमें गाय और गीता तो सर्वसुलभ है। इससे पूर्व सचिन कुआरडा ने अच्छी कविताएं प्रस्तुत कर लोगों की दाद बटोरी।
योग के बाद की गो परिक्रमा
योग के पूरा होने के बाद शिविरार्थियों ने गोधाम की सवाकोसी परिक्रमा कर गो दर्शन व पूजन किया। गोधाम स्थित अष्ठ गोमाता मंदिर, कामधेनुकेश्वर महादेव मंदिर, गोरक्षा हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में प्रात: चार बजे ही दर्शनार्थियों का तांता लग गया। 

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