
सांचौर। योग साधकों को परमात्मा से जोडता है और रोगियों को ठीक करता है। मोटापे में तो कपालभाति इतना असरदार है कि हाथी भी योग करे तो "ट्रिम-स्लिम" हो जाएगा। ऎसे चुटीले अंदाज के साथ गुरूवार को गोधाम पथमेडा में चल रहे कामधेनु क्रांति योग विज्ञान शिविर के तीसरे दिन योगर्षि स्वामी रामदेव महाराज ने योग के गुर सिखाए।
शिविर के तीसरे सत्र का उद्घाटन फतेहपुर शेखावाटी के महंत दिनेशगिरी महाराज समेत अन्य संतों ने दीप प्रज्वलन कर किया। शिविर में प्रार्थना के बाद योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने प्राणायाम का अभ्यास शुरू करवाया। प्राणायाम के लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि पन्द्रह-पन्द्रह मिनट करने पर रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, थॉयरायड, ज्वाइन्ट पेन, गैस, कब्ज व अम्लपित समेत अन्य असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है।
स्वामी रामदेव द्वारा नौलि क्रिया करने पर पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा। छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक औषघियों और पंचगव्य का दैनिक जीवन में उपयोग करने का आह्वान किया। शिविर के तीसरे दिन संख्या में खासा इजाफा हुआ। अंत में "मदमस्त फकीरी धारी है..." व "मैं नहीं मेरा नहीं..." जैसे भजनों के माध्यम से आध्यात्मिकता का माहौल तैयार हो गया।
तनाव में गाय का घी रामबाण
शिविर के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि वर्तमान की भाग-दौड जिन्दगी में हर व्यक्ति तानवग्रस्त है। इस तानवभरी जिन्दगी में गाय का घी रामबाण इलाज हैं। उन्होंने कहा कि घरों में गाय के घी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गव्य से बनने वाली प्रत्येक औषघि रामबाण है।
वासना दावानल की तरह
योग का महžव बताते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि गृहस्थ वासना के लिए नहीं उपासना के लिए होता है। उन्होंने महाभारतकालीन महाराज ययाति का उदाहरण देते हुए कहा कि भोग से पेट नहीं भरता। जीवन में दो तरह की अग्नि है योग की अग्नि और भोग की अग्नि। योग की अग्नि साधना को पुष्ट करती है और भोग की अग्नि से सारा जगत जल रहा है। जंगल की आग की तरह यह वासना जितना भोगो उतनी बढती है। उन्होंने आत्मा को परमात्मा का स्वरूप बताते हुए योग के माध्यम से परमात्ममिलन की बात कही।
सारा आंवला खरीदेंगे
स्वामी रामदेव ने किसानों से क्षेत्र में भरपूर मात्रा में ग्वारपाठे और आंवले की खेती का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चार सौ टन ग्वारपाठा और जितना भी हो पूरा आंवला वे जिले से खरीदने के लिए तैयार हैं।
चित्र नहीं चरित्र पूजें
स्वामी रामदेव महाराज ने गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज को अद्भुत व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि स्वामीजी ने चित्र लेने का मना किया है यह दिव्य एवं अनुकरणीय बात है। उन्होंने कहा कि चित्र नहीं चरित्र पूजें, व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व पूजें।
योगभास्कर है स्वामी रामदेव
योगाभ्यास के बाद प्रवचन करते हुए गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज ने स्वामी रामदेव को योग भास्कर बताया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी को सात्विक आहार चाहिए। इसमें तामसिक आहार का Êाहर भरकर इसके उत्पादन को तामसिक न बनाएं। उन्होंने रज-तम-सत्व गुण की व्याख्या करते हुए गाय को सृष्टि का एकमात्र सतोगुणीय प्रधान जीव बताया। उन्होंने कहा कि कुकुन्द बिना गाय नहीं होती। उन्होंने बताया कि सूर्य को भी हवन व दीपक से तप मिलता है।
सिलाई कर दिए 75 हजार रूपए
प्राणायाम सत्र के दौरान श्रीमती सूरज ने दो वर्ष तक सिलाई करके इकट्ठे किए हुए 75 हजार रूपए से तीन बीघा जमीन गोधाम को दान दी। सांथू के भूरसिंह राजपुरोहित ने 25 बीघा जमीन देने की घोषणा की। इस पर पंडाल तालियों से गूंज उठा। स्वामी रामदेव ने दोनों का अभिनंदन किया।